चीनी की खपत 15 लाख टन बढ़ी

चीनी के बढ़ते मूल्य को सिर्फ उत्पादन में कमी से ही बढ़ावा नहीं मिल रहा है। कीमतों में भारी बढ़ोतरी के बावजूद इस वर्ष चीनी की देशव्यापी खपत में 15 लाख टन की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक विश्व के सबसे बड़े चीनी उपभोक्ता देश भारत की चीनी खपत मार्केटिंग वर्ष 2008-09 में 233 लाख टन रहने का अनुमान है, जबकि गत वर्ष चीनी की खपत 218 टन रही थी।

कुल खपत में से 65 फीसदी चीनी का उपभोग बड़ी कंपनियों, हलवाइयों समेत बड़े उपभोक्ताओं ने किया। बाकी चीनी रिटेल मार्केट के जरिए बेची गई जहां फिलहाल कीमत 35 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई हैं। एक साल पहले चीनी की खुदरा कीमत 16 से 17 रुपये किलो थी। चीनी की खपत के ये आंकड़े खाद्य मंत्रालय द्वारा खुले बाजार और राशन की दुकानों पर बिक्री पर आधारित हैं। केंद्र ने 30 सितंबर को समाप्त होने वाले सीजन में 205.44 लाख टन चीनी खुले बाजार में जारी की है जबकि 23.38 लाख टन का वितरण राशन की दुकानों के माध्यम से किया है।

इस वर्ष जारी की गई चीनी में से करीब 150 लाख टन चीनी इसी वर्ष के उत्पादन की है, जबकि 100 लाख टन पिछले साल के बाकी स्टॉक और आयातित चीनी है। दिलचस्प बात यह है कि आयात की गई चीनी में से खुले बाजार में अभी केवल 4.30 लाख टन चीनी बाजार में सुलभ हो पाई है। आयात की गई चीनी में से प्रोसेस की गई 90,000 टन चीनी जुलाई में रिलीज की गई।

सरकारी कंपनियों ने किए 85 हजार टन आयात सौदे
नई दिल्ली। देश की सार्वजनिक क्षेत्र की तीन ट्रेडिंग कंपनियों ने अप्रैल से नवंबर तक 85 हजार टन चीनी आयात के सौदे किए हैं। एक अधिकारी ने बताया कि ट्रेडिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, पीईसी लिमिटेड और एमएमटीसी ने ये सौदे 500 से 550 डॉलर प्रति टन पर किए हैं। इसमें से 35 हजार टन चीनी खुले बाजार में बेची जा चुकी है, बाकी 50 हजार टन 30 नवंबर पहुंचेगी। अप्रैल में केंद्र ने सार्वजनिक क्षेत्र की ट्रेडिंग कंपनियों को 10 लाख टन तक चीनी आयात की अनुमति दी थी।

इस आलेख को निम्नलिखित लिंक पर पढ़ा जा सकता है 

http://www.businessbhaskar.com/article.php?id=21309

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *