राजस्थान में अल्पकालीन सहकारी ऋण व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए शनिवार को राज्य सरकार, राजस्थान राज्य सहकारी बैंक (अपेक्स बैंक) और नाबार्ड के बीच त्रिपक्षीय समझौता हुआ है। इस समझौते से राज्य के किसानों को ज्यादा मात्रा में सहकारी ऋण मिल सकेंगे। समझौते के बाद नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक मुरलीधर राव ने कहा कि राजस्थान की अल्पकालीन सहकारी संस्थाएं बेहतर तरीके से काम कर रही है। राज्य के 29 केंद्रीय सहकारी बैंकों में से एक भी बैंक बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट के सेक्शन 11 के दायरें में नहीं हैं। यह देखते हुए राज्य की अल्पकालीन सहकारी साख संस्थाओं को योजनाबद्ध तरीके से गति देने की जरूरत है। अपेक्स बैंक के प्रबंध संचालक ने बताया कि राज्य सरकार, अपेक्स बैंक व नाबार्ड के बीच त्रिपक्षीय समझौते से अल्पकालीन सहकारी ऋण संस्थाओं में वित्तीय अनुशासन बेहतर होने के साथ काश्तकारों को अधिक ऋण सुविधाएं प्राप्त हो सकेगी।
शीघ्र ही नाबार्ड व केंद्रीय सहकारी बैंकों के बीच इसी तरह का त्रिपक्षीय समझौता किया जाएगा। सहकारिता सचिव चंद्रमोहन मीणा ने बताया कि मार्च 2012 तक अपेक्स बैंक के निजी कोष, उधार, ऋण अग्रिम, बकाया ऋण, वसूली प्रतिशत, आय व मार्जिन बढ़ाने, कोष लागत और प्रबंधकीय व्यय में कमी के लिए कार्ययोजना बनाई। समझौते के अनुसार अपेक्स बैंक के प्रबंधकीय व्यय को सीमित करने के साथ ऋण व्यवसाय को बढ़ाया जाएगा। उन्होंने बताया कि अपेक्स बैंक का ऋण वसूली का स्तर 98 फीसदी तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। वहीं निजी कोष को 442 करोड़ से बढ़ाकर 480 करोड़ किया जाएगा।
इस आलेख को निम्नलिखित लिंक पर पढ़ा जा सकता है
http://www.businessbhaskar.com/article.php?id=21209